Socialist Party of India
6 November 2018
Press Release
Ram will not help BJP who has broken all promises
Socialist Party calls upon the people to maintain peace and communal harmony
It is obvious that Ram Mandir is of no use for solving pressing problems like unemployment or unremunerative prices for agricultural produce faced by a thousand million persons born in Hindu families. Secondly, those occupying high seats of power know it full well that our Constitution does not permit the State to construct a building for religious purposes of any religion or sect. All those Mahants and Sadhus who are never seen helping the people when natural calamities like earthquake or cyclone hit any part of the country, are now raising the demand to construct Ram Mandir at the place where Babri Masjid stood before being vandalised by the communal Hindutva groups. They are doing so only at the behest of the RSS/BJP who are getting desperate to face the electorate. RSS/BJP know that they have failed to deliver on the tall promises made at the last Lok Sabha elections. Instead of 'Achhe Din', the people are facing 'Bure Din' because of demonetisation of currency notes, imposition of intricacies of linking Adhar to ration card or application for debt relief or bank account etc. Like a drowning person trying to catch any straw to save life, BJP is now turning to Ram.
It is true that large number of Indians look to Ram as an embodiment of high moral virtues like 'Ek Wachani' (ready to pay with his life for redeeming the promise given earlier) or 'Ek Patni' (faithful to wife). They would not like to help the BJP and Narendra Modi who have broken so many promises one after the other. Socialist Party believes that by calling Modi an incarnation of Ram by a so-called Sant is in fact a disrespect to Ram and an unpardonable crime.
High pitch clamour for Ram Mandir “at that place only” may ignite communal riots at a few places. In such a sensitive situation Socialist Party appeals to the people at large to maintain peace and harmony and forge unity to defeat the ruling clique in the next general elections.
Pannalal Surana
Senior Member
National Executive
6 नवंबर 2018
प्रेस विज्ञप्ति
सभी वादे तोड़ने वाली भाजपा की मदद राम नहीं करेंगे
सोशलिस्ट पार्टी नागरिकों से शांति और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने का आह्वान करती है
यह कोई छिपी सच्चाई नहीं है कि बेरोजगारी और कृषि उपज की वाजिब कीमतें नहीं मिलने जैसी विकट समस्याओं सामना कर रहे हिंदू परिवारों में पैदा हुए करोड़ों लोगों के लिए राम मंदिर किसी समस्या का समाधान नहीं है। सत्ता में बैठे लोग यह अच्छी तरह जानते हैं कि देश का संविधान राज्य को किसी धर्म या पंथ के धार्मिक उद्देश्यों के लिए इमारत बनाने की अनुमति नहीं देता है। वे सभी महंत और साधु, जिन्हें कभी भूकंप या चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं में लोगों की मदद करते नहीं देखा जाता, तत्काल राम मंदिर बनाने का राग अलापने लगे हैं। वे उसी स्थल पर मंदिर बनाने की अड़ कर रहे हैं जहां साम्प्रदायिक हिंदुत्ववादियों ने बाबरी मस्जिद को नेस्तनाबूद किया था। ज़ाहिर है, वे ऐसा सिर्फ आरएसएस/भाजपा के आदेश पर कर रहे हैं। क्योंकि आरएसएस/भाजपा में आगामी लोकसभा चुनाव में राजनैतिक मुद्दों के बल पर मतदाताओं का सामना करने की हिम्मत नहीं है। उन्हें पता है कि पिछले लोकसभा चुनाव में किये गए लंबे-चौड़े वादों को पूरा करने में उनकी सरकार पूरी तरह असफल रही है। विमुद्रीकरण, जीएसटी, आधार कार्ड को राशन, ऋण राहत या बैंक खाते आदि के साथ जोड़ने की जटिल कवायदों के चलते जनता को पिछले साढ़े चार सालों में 'अच्छे दिन' के बजाय 'बुरे दिन' देखने पड़े हैं। डूबने वाला व्यक्ति जिस तरह जीवन बचाने के लिए तिनके का सहारा लेने की कोशिश करता है, हार से डरी हुई भाजपा अब राम की ओर मुड़ रही है।
यह सच है कि बड़ी संख्या में भारतीय राम को 'एक वचनी' (किये गए वादे को अपना जीवन देकर निभाने वाले) या 'एक पत्नी' (पत्नी के प्रति वफादार) जैसे उच्च नैतिक गुणों के अवतार के रूप में देखते हैं। ऐसे भारतीय सभी वादों को तोड़ने वाली भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मदद नहीं करना चाहेंगे। सोशलिस्ट पार्टी का मानना है कि मोदी को राम का अवतार बताने वाले तथाकथित संत ने राम का जो निरादर किया है, वह अक्षम्य अपराध है।
साम्प्रदायिक हिन्दुत्ववादियों की 'मंदिर वहीँ बनायेंगे' की जिद के चलते कुछ स्थानों पर सांप्रदायिक दंगे भड़क सकते हैं। इस संवेदनशील स्थिति में सोशलिस्ट पार्टी बड़े पैमाने पर लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने और चुनाव में सत्ताधारी गठजोड़ को हराने के लिए एकता बनाने की अपील करती है।
पन्नालाल सुराना
वरिष्ठ सदस्य
राष्ट्रीय कार्यकारी